पलायन
राजनीति का हस्तक्षेप नित्यप्रति हमारे जीवन में दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। इसका कारण लोगों की बढ़ती राजनीतिक भागीदारी ,हम राजनीति में भागीदार तो हो रहे हैं ।लेकिन हमारे अंदर राजनीतिक समझ विकसित नहीं हो पा रही है । एक मतदाता के रूप में हमारी विफलता यह है कि हमारे सरोकारों के मुद्दे राजनीति रूप से हसिये। पर चले गए हैं । हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी विफलता यह है कि हम स्वाधीनता के 75 वर्षों बाद भी मतदान के दिन मतदान करने नहीं जाते हैं। हमारी निजी निजता इतनी बड़ी हो गई है कि हम उसके बिना कुछ देख ही नही पा रहे हैं ।व्यक्ति तात्कालिक लाभ से प्रेरित होकर कार्य करने में अपने को सफल मान रहा है। लायन हमारे देश की एक बहुत बड़ी समस्या है ,इसे मानने के लिए कोई तैयार नहीं है ।। पलायन करते लोगो की एक विडंबना यह है कि वे अपने अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध नही हैं।