जमानत पत्र
जमानत-पत्र-आपराधिक मामलों के विचारण में कुछ समय लग ही जाता है। इस दौरान कुछ आवश्यक प्रकृति के कार्य
करने पड़ जाते है जैसे- चोरी गये माल को सुपुर्दगी पर प्राप्त करना, जमानत पर छूटना, अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करना, जमानत जब्त हो जाने पर जमानत पेश करना आदि। इन सबके लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अन्तर्गत प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत करने होते है।
यहाँ ऐसे ही कतिपय प्रार्थना-पत्रों के प्रारूप दिये जा रहे हैं।
(1)
जमानत पर मुक्त होने के लिये दण्ड प्रक्रिया की धारा 437 के अन्तर्गत प्रार्थना-पत्र
न्यायालय श्री न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम वर्ग
सरकार..................................अभियोगी
विरूद्ध
अ आत्मज ब, आयु 35 वर्ष
निवासी रेलवे कालोनी, लखनऊ (उत्तर प्रदेष)..............अभियुक्त (प्रार्थी)
जमानत पर मुक्त होने के लिए प्रार्थना-पत्र
प्रकरण क्रमांक......................सन्..............
अभियुक्त प्रार्थी का सविनय निवेदन है कि-
1. अभियुक्त को दिनांक.........को पुलिस अधिकारी श्री...................ने चोरी के संदेह में गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की है।
2. अभियुक्त सर्वथा निर्दोष है, उसने किसी प्रकार की कोई चोरी नही की है, मात्र संदेह के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया।
3. अभियुक्त के छोटे-छोटे बाल-बच्चे है जिनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है।
4. अभियुक्त की एक छोटी सी किराने की दुकान है जिसे अभियुक्त प्रार्थी के अलावा और कोई चलाने वाला नहीं है।
5. अभियुक्त प्रार्थी की बादषाह नगर में पर्याप्त चल एवं अचल सम्पŸिा है।
अतः उसके भागने अथवा फरार होने की कोई सभ्भावना नहीं है।
6. अभियुक्त द्वारा गवाहों को बहकाये जाने आदि की कोई सम्भावना नहीं है।
7. प्रकरण के विचारण में अभी समय लगेगा
अतः प्रार्थना है कि प्रकरण के निर्णय तक अभियुक्त प्रार्थी को उचित जमानत पर मुक्त करने का आदेश प्रदान कराया जावे।
दिनांक.................................
हस्ताक्षर, अभियुक्त (प्रार्थी)
हस्ताक्षर, एडवोकेट (प्रार्थी)
(2)
अग्रिम जमानत के लिये दण्ड प्रक्रिया की धारा 438 के अन्तर्गत प्रार्थना-पत्र
न्यायालय श्री जिला एवं सेशन न्यायाधीश
लखनऊ (उत्तर प्रदेष)
अ आत्मज ब, आयु 37 वर्ष
निवासी ...............बाजार, लखनऊ (उत्तर प्रदेष)..............प्रार्थी
विरूद्ध
सरकार..................................विपक्षी
अग्रिम जमानत के लिये दण्ड प्रक्रिया की धारा 438 के अन्तर्गत प्रार्थना-पत्र
एफ0आई0आर0नं0......................सन्..............
प्रार्थी का सविनय निवेदन है कि-
1. प्रार्थी राजकीय महाविद्यालय, लखनऊ में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत होकर शांतिप्रिय व्यक्ति है।
2. प्रार्थी एवं उसके निकटतम रिश्तेदार श्री..........के बीच भूमि सम्बन्धी विवाद चल रहा है। जिसमें दिनांक........... को दोनों पक्षों के बीच मेें कहा सुनी हुई थी।
3. प्रार्थी को ऐसा ज्ञात हुआ कि श्री......ने पुलिस थाना तालकटोरा में प्रार्थी के विरूद्ध भा0दं0सं0 की धारा 325 एवं 326 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जिसकी तफतीश थाना प्रभारी द्वारा की जा रही है।
4. वस्तुस्थिति यह है कि प्रार्थी ने श्री.......को किसी प्रकार की कोई चोट नहीं पहुँचाई, मात्र उसे झूठा फंसाया गया है।
5. प्रार्थी को यह आंशका हो गई है कि इस अजमानतीय अपराध में पुलिस उसे कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। यदि ऐसा हुआ तो प्रार्थी की इज्जत को धक्का लगेगा तथा उसकी सेवा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
6. प्रार्थी अन्वेषण में पूरा सहयोग देगा, वह न्यायालय की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ेगा व गवाहों को बहकायेगा नहीं।
7. प्रार्थी से किसी प्रकार की न तो कोई बरामदगी की जानी है और न ही अन्वेषण में उसकी आवश्यकता है।
अतः प्रार्थना है कि प्रार्थी के अग्रिम जमानत के प्रार्थना-पत्र को स्वीकार किया जाकर उसे उचित जमानत व मुचलके पर मुक्त करने हेतु थाना प्रभारी, तालकटोरा के नाम आदेश प्रदान करावे।
दिनांक.................................
हस्ताक्षर प्रार्थी.........
हस्ताक्षर, एडवोकेट (प्रार्थी).......
(3)
जमानत के लिये दं0 प्र0 सं0 की धारा 439 के अन्तर्गत प्रार्थना-पत्र
न्यायालय श्री जिला एवं सेशन न्यायाधीश
लखनऊ (उत्तर प्रदेष)
अ आत्मज ब, आयु 50 वर्ष
निवासी ...............मार्ग, लखनऊ (उत्तर प्रदेष)...............प्रार्थी(अभियुक्त)
विरूद्ध
सरकार..................................विपक्षी
दं0 प्र0 सं0 की धारा 439 के अन्तर्गत जमानत का प्रार्थना-पत्र
एफ0आई0आर0नं0......................सन्..............
प्रार्थी का सविनय निवेदन है कि-
1. प्रार्थी के विरूद्ध दिनांक...............को श्री............ने धारा 376 भा0दं0सं0 के अन्तर्गत थाना पाली में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जिस पर अन्वेषण करते हुए थाना प्रभारी द्वारा प्रार्थी को दिनांक.......... गिरफ्तार कर लिया गया है।
2. प्रार्थी ने न्यायालय श्री न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम वर्ग पाली के समक्ष दिनांक...........को जमानत का प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया था लेकिन न्यायालय द्वारा इसे इसलिए खारिज कर दिया गया, चूँकि इसमें आजीवन कारावास के दण्ड का प्रावधान है।
3. वस्तुस्थिति यह है कि प्रार्थी ने व्यथित कुमारी.....के साथ बलात्कार नहीं किया है यह बात कुमारी........ने दं0प्र0सं0 की धारा 164 के अन्तर्गत दिये गये अपने बयानों में स्पष्ट रूप से कही है।
4. पुलिस ने प्रार्थी को मात्र मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही कुमारी...........के निकटतम रिश्तेदार सम्पŸिा के प्रलोभन में प्रार्थी को नाजायज परेशान करना चाहते है, इसलिए उन्होनें प्रार्थी के विरूद्ध मिथ्या बयान दिये है।
5. प्रार्थी एक निर्धन कृषक है। उसके परिवार में छोटे-छोटे बाल बच्चें हैं। जिनकी देख रेख करने वाला कोई नहीं है। प्रार्थी की खेती को सम्भालने वाला भी कोई व्यक्ति नहीं है। यदि प्रार्थी जमानत पर मुक्त नहीं हुआ तो प्रार्थी का परिवार संकट में पड़ जायेगा
6. प्रार्थी अन्वेषण एक सामान्य किन्तु सम्भ्रांत व्यक्ति है; अतः उसके भागने अथवा फरार होने की कोई सम्भावना नहीं है और न ही गवाहों को बहकाये जाने की ही सम्भावना है।
अतः प्रार्थना है कि प्रार्थी का जमानत का प्रार्थना-पत्र स्वीकार किया जाकर उसे उचित जमानत व मुचलके पर मुक्त करने हेतु थाना प्रभारी, नाकाहिन्डोला के नाम आदेश प्रदान करावे।
दिनांक.................................
हस्ताक्षर प्रार्थी.........
हस्ताक्षर, एडवोकेट (प्रार्थी).......
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