लोकप्रिय बनाम गंभीर साहित्य
आजकल लोकप्रिय कवि और रचनाकारों की बहुत बात हो रही है। और उन्हें विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में ध्यान देने को लेकर तरह-तरह के वाद विवाद नित्य प्रति सामने आ रहे हैं। आज के समय में विवाद करना एक संस्कृति बन गई है कहीं भी कोई निर्णय लिया जाए उसके विरोध में कई लोग खड़े हो जाते हैं और अपने अनुभव और संचित ज्ञान के सहारे उसे गए गलत ठहराने लगते हैं। ऐसा कितना तर्कसंगत है हमें यह सोचना होगा की पाठ्यक्रमों के बाहर इतना कुछ लिखा और पढ़ा जा रहा है। पाठ्यक्रम में शामिल किए गए पाठ पढ़कर एक विद्यार्थी कुछ सीखता है और उसे व्यवहारिक जीवन में उपयोग कर यह जान पाता है कि कैसे हम साहित्य सर्जन करें और लोकप्रिय हो जाएं । यह तो हमें समझना होगा की आज की शिक्षा लोगों को रोजगार के लिए दी जा रही है, या शिक्षा का यह उद्देश्य है कि लोग उस शिक्षा के माध्यम से अपनी रोजी-रोटी चला सकें । ऐसी में यदि ऐसी में यही विद्यार्थी लोकप्रिय साहित्य पढ़कर कुछ ऐसा लिखने की ओर उन्मुख होता है कि वह भी ऐसे साहित्य का सृजन करें जो लोकप्रिय हो और उसे अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए साहित्य सृजन के अलावा और कोई कार्य न करना पड़े तो इसमें कोई बुराई नहीं देखी जानी चाहिए। प्रत्येक काल कि अपनी परिस्थितियां होती हैं और उन्हीं परिस्थितियों का प्रभाव समाज ,संस्कृति और शिक्षा पर पड़ता है। आज के भौतिकतावादी समय में भौतिक सुख साधन प्रमुख हो गए हैं ऐसे में यदि हमारी शिक्षा का उद्देश्य धन कमाना हो गया है, तो साहित्य का विद्यार्थी ऐसे साहित्य या भाषा को क्यों न पड़े । जिससे वह आत्मनिर्भर होकर अपना जीवन यापन कर सके। प्रत्येक युग की अपनी तात्कालिक आवश्यकता होती है उसी के अनुरूप कुछ रचनाकार सर्जन करते हैं, और कुछ रचनाकार अपने व्यक्तिगत हानि लाभ से परे होकर समाज के उत्थान के लिए साहित्य साधना में संलग्न होते हैं और उन्हीं की रचना लंबे समय तक पढ़ी और समझी जाती है। हमें इस बात को समझना होगा कि साहित्य सृजन और साहित्य साधना की परंपरा बहुत से ऐसे रचनाकार रहे होंगे जो अपने समय में तो लोकप्रिय होंगे लेकिन समय बदलने के साथ वे अप्रासंगिक होते चले गए। ऐसे ही लोकप्रिय साहित्य और उसके साहित्यकार अपने युग तक ही रहेंगे और जो रचनाकार साहित्य सृजन की कम ही कर्म में रखेंगे उनकी रचना और रचना धर्मिता सदैव समाज को आलोकित करती रहेगी।
(अमरेन्द्र)
Nice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteसही है
ReplyDelete