विक्रय विलेख -Sale Deed

विक्रय विलेख 

हम कि .....................पुत्र...............निवासी ग्राम/मुहल्ला.................तप्पा..................परगना.............तहसील...........पोस्ट............जिला..........का हूँ जिसे एतद्पश्चात् विक्रेता कहा गया है।

विदित हो कि विक्रेता मुहल्ला/ग्राम ..............पोस्ट.............तहसील..............जिला.......स्थित आराजी संख्या...........क्षेत्रफल............का अध्यासी भूमिधर है। मकान संख्या..........का अध्यासी स्वामी है जिसे एतद्पश्चात् प्रश्नगत संपत्ति कहा गया है जिसे विक्रय करने का विक्रेता को हर प्रकार से अधिकार प्राप्त है तथा प्रश्नगत संपत्ति हर प्रकार के भार या प्रभार से मुक्त है।

तथा

विक्रेता के समक्ष वर्तमान में पुत्री विवाह/मरम्मत मकान/ रोग उपचार/घरेलू आवश्यकताओं की समस्या उत्पन्न है जिसे निवारण करने के लिए विक्रेता के पास प्रश्नगत संपत्ति के विक्रय के अतिरिक्त अन्य विकल्प एवं उपचार उपलब्ध नहीं है इसलिए विक्रेता ने प्रश्नगत संपत्ति के पूर्ण अंश का विक्रय करने की घोषणा किया जिस पर क्रय करने के इच्छुक विभिन्न व्यक्ति आये परन्तु श्री..........पुत्र...........निवासी ग्राम/मुहल्ला..........पोस्ट........ तहसील...........जिला.........जिन्हें एतद्पश्चात् क्रेता कहा गया है, प्रश्नगत संपत्ति के विक्रय योग्य अंश का सर्वाधिक उचित मूल्य रु0.............देने को तैयार हैं।

अस्तु

विक्रेता क्रेता से विक्रयाधीन  संपत्ति  जिसे अति-विशिष्ट रूप से इस विलेख के अन्त में वर्णित किया गया है जो विक्रय प्रतिफल रू0...............(जिसका आधा अंश रू0......होता है) (रूपया शब्दों में..............) क्रेता से प्राप्त कर विक्रय करता है तथा विक्रय की गई  संपत्ति  पर क्रेता को अध्यासन प्रदान करता है। विक्रय प्रतिफल क्रेता से विक्रेता ने पूर्व में प्राप्त कर लिया/उप निबन्धक महोदय के समक्ष प्राप्त कर रहा है तथा यह विक्रय विलेख क्रेता के पक्ष में निष्पादित करता है। क्रेता को अधिकार दिया गया है कि वह इस प्रकार क्रय किये गये  संपत्ति  (भूखण्ड/मकान) का अपनी इच्छानुसार उपभोग व उपयोग करें। यदि किन्हीं कारण क्रेता को क्रय किये गये  संपत्ति  पर अपनी इच्छा के उपयोग में कोई हस्तक्षेप व व्यवधान उत्पन्न होता है तो क्रेता को अधिकार होगा कि  वह प्रदत्त विक्रय प्रतिफल पर दो/एक प्रतिशत मासिक ब्याज की दर सहित सम्पूर्ण प्रतिफल को विक्रेता से अथवा विक्रेता की अन्य  संपत्ति से वसूल सकेगा। विक्रेता विक्रय की गई  संपत्ति से स्वयं को तथा अपने बाद अपने उत्रातराधिकारी (यों) या प्रतिनिधियों को हर प्रकार के स्वत्व या अधिकार से विरत करता है।

जिसके साक्ष्य में विक्रेता ने आज स्वस्थ मस्तिष्क व प्रसन्नतापूर्वक दिनांक.............माह............सन्.....को इस विलेख पर अपना हस्ताक्षर कर दिया।

विक्रय की गई  संपत्ति  का विवरण

भूखण्ड क्षेत्रफल.............अन्दर आराजी सं0...............कुल रकबा......मकान संख्या...........स्थित ग्राम/मुहल्ला............टप्पा............परगना.........तहसील.........पोस्ट........जिला........जिसकी चौहद्दी निम्नलिखित है-

पूरब- उतर-

पश्चिम- दक्षिण-

हस्ताक्षर लेखक व दिनांक- (हस्ताक्षर विक्रेता)

         दिनांक-

गवाह 1-

गवाह 2-


Comments

Popular posts from this blog

मूट कोर्ट अर्थ एवं महत्व

सूर्यकान्त त्रिपाठी "निराला": काव्यगत विशेषताएं

विधि पाठ्यक्रम में विधिक भाषा हिन्दी की आवश्यकता और महत्व