लोकरंग का पुनर्नवन

लोक जीवन के जीवन्त रंग, इन रंगीन  चित्रों और सुनहली गेंहू की फसल को देखना अत्यंत सुखद और रुचिकर है. जहाँ शब्द मूक हो जाते और चित्रों में निहित भाव प्रधान हो जाते हैं. आज कुशीनगर के जोगिया जनुबी पट्टी जाकर लोक रंग और लोक जीवन से साक्षात्कार करने का अवसर आदरणीय सर प्रो. सूरज बहादुर थापा जी के सौजन्य से मिला....... लोक की सोंधी सुगंध जीवन को पुनर्नवित कर देती है.







 

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