ब्लॉग लेखन
आधुनिक समय में संचार क्रान्ति के साथ-साथ लेखन जगत के क्षेत्र में भी नित नयापन देखने को मिलता है। इसी नयेपन के साथ-साथ हम अपने विचारों को आसानी से लोगों तक पहुंचाने में समर्थ हो रहे हैं। ब्लाग लेखन भी इसी तरह एक वर्वचुअल प्लेटफार्म हैं। जिसके माध्यम से हम न केवल अपने विचारों को लोगों तक संप्रेषित कर सकने में सक्षम होगें वरन् उसके माध्यम से ख्याति अर्जित करते हुए अर्थाजन भी कर सकेंगें।
ब्लाग लेखन संचार क्रान्ति का एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो वर्तमान समय में सृजनात्मकता को एक नये रूप में प्रस्तुत कर रहा है। ब्लागिंग अपने आरम्भिक समय में अंग्रेजी माध्यम में ही उपलब्ध थी, लेकिन एक भाषा के रूप में हिन्दी का विस्तार जीवन के सभी क्षेत्रों में होने के साथ ही हिन्दी भाषा का प्रयोग लगभग सभी संचार के माध्यमों मे आसानी से किया जा रहा है। हिन्दी भाषा तकनीकी रूप से इतनी सक्षम हो चूकी है कि यह कहीं भी बोली लिखी, पढ़ी एवं समझी जा सकती है।
यूनिकोड़, मंगल, गूगल इंडिक के आ जाने से कम्प्यूटर, लैपटाप, टैबलेट और मोबाइल मे भी हिन्दी आसानी से लिखी जा रही है। इसी कारण अब हिन्दी में भी ब्लागिंग सर्वसुलभ हो गयी है।
उत्तर आधुनिक समय में सूचना संचार क्रान्ति के परिणाम स्वरूप बहुत कुछ ऐसा भी लिखा पढ़ा एवं सुना जा रहा है, जिसमें रियल और फेक की गुंजाइस बनी हुई है। लोगों तक सही और तथ्यपरक ढंग से सूचना एवं ज्ञान के सम्प्रेशण के लिए ब्लागिंग एक सर्वोत्तर विकल्प है। जिसके माध्यम से हम अपनी बातों को प्रमाणिक ढंग से लोगों के समक्ष रख सकने में सक्षम होंगे। आज की हिन्दी अपने तकनीकी विकास में बहुत आगे निकल चुकी है। ब्लागिंग संचार प्रसार के माध्यमों वह साधन है, जिसके द्वारा हम अपने अनुभवों मौलिक विचारों और अपने आस-पास के जीवन की बहुत सी बातों को संजोते हैं, और इसके साथ-साथ जीवन के संगीत को भी ध्वनित कर सकते हैं। अध्ययन की सुविधा के लिए ब्लाग को निम्नलिखित वर्गोें में विभाजित करके देख सकते हैं-
1. सांस्कृतिक ब्लाग
2. आध्यात्मिक ब्लाग
3. साहित्यिक ब्लाग
4. सामाजिक ब्लाग
5. यात्रा ब्लाग
6. आदिवासी जीवन से संबंधित ब्लाग
7. भाषा ब्लाग
8. साक्षात्कार ब्लाग
9. संस्मरण ब्लाग
10. पर्यावरण चेतना से संबंधित ब्लाग
11. स्वास्थ्य ब्लाग
इसके अलावा भी वैविध्यपूर्ण जीवन के अन्य क्षेत्रों से संबंधित ब्लाग लिखे जा सकते हैं।
ब्लाग लेखन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी होता है कि इसमें चित्र, आडियों और विडियों को भी शामिल करके और भी संम्प्रेशणीय बना सकते हैं।
ब्लाग लेखन में भाशा एक महत्वपूर्ण अवयव है भाशिक सहजता और प्रवाह ब्लाग के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हमारे ब्लाग की भाषा विषयानुकूल और आमफहम में प्रचलित भाषा के अनुरूप होगी तो ब्लाग अधिक से अधिक लोगों द्वारा पढ़ा और समझाा जायेगा, जिससे हम ब्लागिंग के माध्यम से ख्याति और अर्थ अर्जित कर सकेंगे। ब्लाक लिखते समय ब्लागर के निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1. ब्लाग समसामयिक उपयोगी हो।
2. ब्लाग के माध्यम मौलिक और नवीन विशयों का प्रस्तुतिकरण
3. संस्कृति और परम्परा का प्रस्तुतिकरण
4. साहित्यिक और यात्रा ब्लाग लिखते हुए रोचक एवं रोमांचक प्रस्तुतिकरण
5. लोक जीवन से विलुप्त हो रहे लोक कलाओं एवं लोक भाषाओं का प्रस्तुतिकरण
6. आदिवासी जीवन एवं संस्कृति का प्रस्तुतिकरण
ब्लागर बनने के लिए सबसे पहले ब्लागर को अपनी रूचि का विशय क्षेत्र चुनना चाहिए। तत्पष्चात् अपने विशय क्षेत्र के सूक्ष्म से सूक्ष्म तथ्यों का अध्ययन, विष्लेशण करना चाहिए। जैसे यदि हम आदिवासियों के संबंधित ब्लाग लेखन करना चाहते हैं तो सबसे पहले हमें यह देखना होगा कि हम उनके जीवन के किस पक्ष को रखना चाहते हैं फिर विषय विशेष का चयन करना चाहिए कि हम उनकी भाशा पर लिखना चाहते है या उनकी संस्कृति या उनकी षिक्षा या उनकी परम्परा और जीवन पद्धति पर लिखना चाहते है। विशय चयन के पष्चात् उस पर गंभीर अध्ययन कर नवीन, रोचक एवं रोमांचक तथ्यों का पता लगाना चाहिए। फिर उसे सहज एवं संक्षेप में प्रस्तुत करना चाहिए, प्रस्तुतिकरण में चित्र वं विडियों का यथा संभव प्रयोग करना चाहिए, जिससे हमारे विचार को लोग आसानी से समझ सकें। ब्लागिंग लेखन के निम्नलिखित चरण हैं-
1. विषय का चयन
2. विषय का गंभीर अध्ययन एवं शोध
3. विषयानुरूप फोटोज, आडियो या विडियो का संग्रह
4. प्रस्तुतिकरण
वर्तमान समय में हिन्दी में ब्लाग लेखन लेखन की नवीनतम विद्या के रूप में प्रचलित है इसके माध्यम से नित्य नवीन ज्ञान को लोगों के सम्मुख प्रस्तुत किया जा रहा है।
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