How To Learn Hindi (हिन्दी कैसे सीखें )
Learning is process
हिन्दी आज के समय में वैश्विक आवश्यकता बन चुकी है . ऐसे समय में भाषा शिक्षण और भाषा सीखने की प्रक्रिया सामान्यतः समय की जरुरत है . एक व्यक्ति अपने जीवन काल में छः भाषाएँ सीख सकता है . ऐसे में यह तथ्य हमारे समक्ष आ जाता है कि कोई भी भाषा सीखते समय वो कौन सी बातें हैं जिसे हमें ध्यान रखना चाहिए . भाषा सीखने के लिए निम्नलिखित बातों को विशेष ख्याल रखना चाहिए -
भाषा की वर्णमाला का ज्ञान ( Knowledge of alphabets )
व्याकरण का ज्ञान ( Knowledge of grammar)
शब्दकोश का ज्ञान ( Knowledge of vocabulary)
भाषा के सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश का ज्ञान (Knowledge of Social and Cultural Circumstance )
लिपि का ज्ञान ( Knowledge of Script )
भाषा के सीखने की प्रक्रिया मूलतः मानसिक है , यदि हम यह तय कर लेते हैं कि हमें इस भाषा में वाचन और लेखन कौशल हासिल करना है तो हम वह भाषा आसानी से सीख सकते हैं . हिन्दी एक ऐसी भाषा है ,जिसमें वर्णों की संख्या अंग्रेजी की अपेक्षा तो अधिक है ,यकीन अन्य भाषाओँ की अपेक्षा कम है . इसके साथ-साथ हिन्दी भाषा एक वैज्ञानिक भी है . इसमें जो लिखा जाता है ,वही पढ़ा भी जाता है . यदि हमें हिन्दी भाषा सीखना है तो सबसे पहले हमें हिन्दी के वर्णमाला के शब्दों का ज्ञान हासिल करना होगा .
वर्णमाला सीखने के बाद हमें हिन्दी के व्याकरण को सबसे पहले जानना चाहिए , व्याकरण के माध्यम से हम शब्द और वाक्य निर्माण कर सकने में सक्षम होंगे . शब्द कोश भाषा के सीखने की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका ऐडा करता है . शब्दकोश के ज्ञान के निमित्त हम हिंदी भाषा के साहित्य और उसमें उपलब्ध सिनेमा को भी देख सकते हैं . इनके अतिरिक्त हिन्दी भाषा में प्रचुर मात्रा में समाचार पत्र , वेबसाइट ,धारावाहिक , समाचार चैनेल और गीत -संगीत हैं ,जिसके द्वारा हम भाषा और उसकी भंगिमा सीख सकते हैं .
आज हिन्दी बाजार की भाषा बन चुकी है , जिसे सीखना और सिखाने की प्रक्रिया दुनिया भर में चल रही है , इसमें लिपियांतर की भी भूमिका को इंकार नहीं किया जा सकता . लिपियांतर का आशय भाषा में लिपि के स्तर पर परिवर्तन करके भाषा को आसानी से सीख सकते है . जैसे - राम घर जाता है (Ram ghar jata hai ) लिपियांतर के द्वारा हम भाषा बोलने और सीखने में सक्षम में हो जाते हैं . और यह भाषा सीखने का सबसे आसान तरीका है . भाषा भंगिमा के माध्यम से भी हम हिन्दी भाषा को हम सीख सकते हैं . इसके लिए हमें हिन्दी में निर्मित्त सीरियल ,सिनेमा , गीत और हिन्दी के समाचार चैनेल को देख कर भी सीख सकेंगे .
भाषा शिक्षण के तीन चरण हैं - वाचन , लेखन , पाठन .
वाचन भाषा सीखने का प्रथम सोपान है , जिसे हम अनुकरण के माध्यम से आसानी से सीख सकते हैं . इसके अलावा हम हिन्दी भाषा भाषी समुदाय के बीच रहकर भाषा जान एवं समझ सकते हैं . श्रव्य-दृश्य माध्यम के द्वारा हमें भाषा ज्ञान में कठिनाइ नहीं होगी .
इसके अगले ब्लॉग में हिन्दी सीख्नने की प्रक्रिया और उसके साहित्य का अध्यनन हम करेंगे ..........
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